शनिवार, 11 अगस्त 2018

अगले कुछ रोज...

शांत बहुत शांत है मन आज
अगले कुछ रोज
मैं और मेरी लेखनी होगी
रचेंगे किस्से
परियों के ना सही
कासिद की बातें
सक्षम के सफर में
अम्मा का इंतजार
कानून की नजर में
पापा से बहस
माँ से सहानुभूति
एक अलमारी से मुलाकात
छुटकी से मन की बात
बहुत सारे गीत
रचना प्रीत
अगले कुछ रोज
मैं और मेरी लेखनी होगी
रचेंगे किस्से...

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