यात्रा सिर्फ वो नहीं जो सुदूर देशों का दर्शन कराये । यात्रा वो है जिसमें आप स्वयं से मिलें, अपने मैं की जड़ तक पहुँचें उसे मर्दित कर आगे बढ़ें और दुनिया को एक नई दिशा दे पायें। तो चलें अनन्तयात्रा पर..
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