बुधवार, 10 जनवरी 2018

आंकड़े

मुझे अच्छे नहीं लगते आंकड़े
मुझे सच्चे नहीं लगते आंकड़े
जैसे होते हैं वैसे दिखते नहीं
जैसे अति साधारण चेहरा
बना दे फ़ोटो लैब की सहायता से शानदार
इसी तरह साधारण आंकड़े
बेजान आंकड़े भी
सुर्खियों में दिखते हैं चमकीले जानदार
क्यों ना आंकड़ों को घर के पीछे लगी खूंटी पर
टांग कर भूल जायें
चलो आंकड़े विहीन
एक शानदार भारत बनाएं
जहां यथार्थ ही हो स्वर्णिम इश्तेहार
            प्रीति राघव चौहान

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