1November2017की रात को एक थोड़े गुलाबी, हल्के हल्दिया, तनिक सुरमई कपड़े को लें।कपड़़ा सूती हो ।इसमें पाँच से ग्यारह बिन्दी के आकार के छेद करें ।कपड़े को पानी में सवा घंटा भिगोये,अब इसमें सवा पाव गेंहूँ लें, याद रखें गेंहूँ दिन में बारह घंटे भीगे हों ।गेंहूँ में पाँच दाने बाजरा, दो काली उड़द, व चवन्नी डाल कर अपनी खाट के सिरहाने लटकायें ।रात में सवा तीन बार उठ कर खाट की परिक्रमा करें और अंजुलि भर जल इन पर डालें ।ओम का जाप करते हुये आँख बन्द रखें ।1तारीख की दोपहर बारह बजे तक सभी गैस्ट बन्धुओं को इसका सुफल प्राप्त होगा ।ये कोई टोटका नहीं आजमाया हुआ सफल नुस्खा है ।
यदि चौबीस घंटे में कार्य न बने तो घबरायें नहीं।अगले सतासी रोज़ इसी क्रिया को दोहरायें ।बस दिन के भीगे गेंहूँ रात कैसेरोल में रख कर सोयें।रोज दो मुट्ठी स्वयं खायें बाकी घर वालों में बाँट दें ।याद रहे उड़द, बाजरा और चवन्नी संभाल कर रखनी है ।चवन्नी की जगह एक रुपया भी ले सकते हैं ।
इस उपाय के साथ आपको पूरी मेहनत और लगन से पढ़ाना भी है ।जो बंधु ऐसा नहीं करेंगें उनका उपाय पूरा होन
में सन्देह है ।
प्रीति राघव चौहान
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