हाड़ मांस का बना रे
पूतला काहे करे अभिमान
बावरे काहे करे अभिमान
चन्द रोज़ में ढह जाना है
ऊँचा तेरा मकान
बावरे काहे करे अभिमान
घिसट रही है घर में काया
लुटा रहा तू बाहर माया
जा घर मात पिता की आहें
वो घर जिन्दा शमशान
बावरे काहे करे अभिमान
उनकी झुर्रियाँ दी ना दिखाई
दर दर खोजे जाकर साईं
खाली थाली लेकर बैठे
करे रोज अपमान
बावरे काहे करे अभिमान
खून दिया धरमार्थ कमाया
जग में ऊँचा नाम कमाया
नाम तेरा उनके होंठों पर
तू बनता अनजान
बावरे काहे करे अभिमान
मातपिता को तुम ना रुलाओ
पैर छुओ माथा सहलाओ
पुरस्कार ना कोई चाहिये
दे दो बस सम्मान
बावरे काहे करे अभिमान
प्रीति राघव चौहान
पूतला काहे करे अभिमान
बावरे काहे करे अभिमान
चन्द रोज़ में ढह जाना है
ऊँचा तेरा मकान
बावरे काहे करे अभिमान
घिसट रही है घर में काया
लुटा रहा तू बाहर माया
जा घर मात पिता की आहें
वो घर जिन्दा शमशान
बावरे काहे करे अभिमान
उनकी झुर्रियाँ दी ना दिखाई
दर दर खोजे जाकर साईं
खाली थाली लेकर बैठे
करे रोज अपमान
बावरे काहे करे अभिमान
खून दिया धरमार्थ कमाया
जग में ऊँचा नाम कमाया
नाम तेरा उनके होंठों पर
तू बनता अनजान
बावरे काहे करे अभिमान
मातपिता को तुम ना रुलाओ
पैर छुओ माथा सहलाओ
पुरस्कार ना कोई चाहिये
दे दो बस सम्मान
बावरे काहे करे अभिमान
प्रीति राघव चौहान
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