यात्रा सिर्फ वो नहीं जो सुदूर देशों का दर्शन कराये ।
यात्रा वो है जिसमें आप स्वयं से मिलें, अपने मैं की जड़ तक
पहुँचें उसे मर्दित कर आगे बढ़ें और दुनिया को एक नई दिशा दे पायें।
तो चलें अनन्तयात्रा पर..
शुक्रवार, 13 अक्तूबर 2017
deen dharam
न मन्दिर न मदीना
मेरा मरकज़ मुझी से है
मुझे तेरे दीन औ धरम
तेरी मंजिल से क्या लेना
Priti Raghav Chauhan
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